राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित अजाड़ी कलां (Ajari Kalan) एक ऐसा ऐतिहासिक गाँव है, जिसकी पहचान राजनीति, वीरता और कला के क्षेत्र में रही है। जिला मुख्यालय से मात्र 22 किमी दूर स्थित यह गाँव अपने ‘बास्केटबॉल खिलाड़ियों’ और ‘महला गोत्र’ के इतिहास के लिए जाना जाता है। अजाड़ी कलां: वह गाँव जिसने झुंझुनूं को चौथा सांसद दिया – इतिहास और वर्तमान
1. अजाड़ी कलां का इतिहास और नामकरण (History & Origin)
इतिहासकारों और बही भाटों के अनुसार, इस गाँव की नींव विक्रम संवत 1509 (कुछ स्रोतों में 1236) में चूरू के सिद्धमुख से आए आसकरण महला ने रखी थी।
- नाम कैसे पड़ा? आसकरण महला के साथ यहाँ अजाड़ीवाल गोत्र (सैन समाज) के लोग भी आकर बस गए थे। उन्हीं के नाम पर गाँव का नाम ‘अजाड़ी कलां‘ पड़ा।
- महला परिवार के 12 खेड़े: शिक्षक सुनील महला के अनुसार, महला गोत्र के 12 प्रमुख गाँव (खेड़े) हैं, जिनमें सीथल, बजावा, बिंजूसर, मालसर, कुलोद, डुमरा, बलरिया, दोरासर, खाजपुर, सोती, अजाड़ी कलां और नाहरसिंघानी शामिल हैं।
- रियासत काल: आजादी से पहले यह गाँव ‘ढूंढलोद ठिकाने’ के अधीन था और यहाँ मोहनराम महला प्रमुख कामदार थे।
2. राजनीति में पहचान: सांसद कन्हैयालाल महला
इस गाँव ने झुंझुनूं की राजनीति में बड़ा योगदान दिया है। अजाड़ी कलां के निवासी श्री कन्हैयालाल महला ने 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता और वे झुंझुनूं के चौथे सांसद बने। यह गाँव के लिए गौरव की बात थी।
3. रंगरेज परिवार की लुप्त होती कला: ‘चालका’
एक समय था जब अजाड़ी कलां के रंगरेज परिवार की महिलाएं ‘चालका’ (जाट समाज की महिलाओं द्वारा ओढ़ी जाने वाली विशेष ओढ़नी) बनाने में माहिर थीं।
- प्रसिद्धि: दूर-दराज के गाँवों से लोग यहाँ विशेष रूप से ‘चालका’ खरीदने आते थे।
- वर्तमान: समय के साथ यह अनूठी हस्तकला अब लुप्त हो चुकी है।
4. वीरों और खिलाड़ियों की भूमि
- शहीद: गाँव के प्रभुदयाल गोदारा (1971 भारत-पाक युद्ध) और फौजी सुभाष चंद्र महला (2016 युद्धाभ्यास) ने देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर किए।
- खेल (Sports): गाँव में एक बास्केटबॉल कोर्ट है, जहाँ से अब तक 200 से ज्यादा खिलाड़ी तैयार हो चुके हैं।
- कला: संदीप शर्मा ने अपनी बांसुरी वादन से राष्ट्रीय मंचों पर गाँव का नाम रोशन किया है।
5. शिक्षा और धार्मिक स्थल
- शिक्षा: सेठ सांवरमल पोद्दार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यहाँ स्कूल भवन बनवाया था, जो आज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (Govt School) के रूप में संचालित है।
- मंदिर: गाँव में प्राचीन गोसाईं मंदिर, शिव मंदिर और ठाकुरजी का मंदिर आस्था के केंद्र हैं। यहाँ गणगौर पर भव्य मेला भरता है।
6. अजाड़ी कलां : एक नज़र में (Village Profile)
| विवरण | जानकारी |
| जिला / दूरी | झुंझुनूं (मुख्यालय से 22 किमी) |
| स्थापना | विक्रम संवत 1509 (संस्थापक: आसकरण महला) |
| जनसंख्या | लगभग 5000 |
| साक्षरता दर | 80% |
| प्रसिद्ध व्यक्ति | पूर्व सांसद कन्हैयालाल महला |
| राजस्व गाँव | सेजा की ढाणी, तोगड़ा स्वरूपसिंह |
| प्रमुख फसलें | गेंहू, चना, सरसों, बाजरा |
अजाड़ी कलां गाँव में बैंक की शाखा न होने की स्थिति में, गाँव के लोग पास के झुंझुनूं (Jhunjhunu) या बगड़ (Bagar) स्थित बैंकों का उपयोग करते हैं।
पिन कोड (PIN Code)
- PIN Code: 333001 (यह झुंझुनूं हेड पोस्ट ऑफिस का कोड है, अक्सर अजाड़ी कलां की डाक इसी पिन कोड या 333023 (बगड़) के अंतर्गत आती है। कृपया अपने आधार कार्ड या डाकघर से पुष्टि करें, लेकिन सामान्यतः 333001 या 333023 का ही उपयोग होता है क्योंकि यह झुंझुनूं शहर के बहुत पास है।)
Discover Ajari Kalan: A Historic Gem in Jhunjhunu
Founded in 1509 AD by Aaskaran Mahla, Ajari Kalan is a village that wears its history with pride. Located just 22 km from Jhunjhunu, it is famous as the hometown of Shri Kanhaiyalal Mahla, the 4th Member of Parliament (MP) of the district.
Why Ajari Kalan is Special:
- Political Legacy: Home to a former MP who made history in 1977.
- Cultural Art: Once renowned for the unique “Chalka” (traditional Odhani), crafted by local Rangrej families.
- Land of Heroes: The village honours brave martyrs like Prabhudayal Godara and has produced over 200 basketball players from its local court.